Skip to content

HinduEcho

  • Home
  • HindusimExpand
    • Vrat Tyohar
    • Devi Devta
    • 10 Mahavidya
    • Pauranik katha
  • TempleExpand
    • Jyotirlinga
    • ShaktiPeeth
  • AstrologyExpand
    • Jyotish
    • Face Reading
    • Shakun Apshakun
    • Dream
    • Astrologer
    • Free Astrology Class
  • BiogpraphyExpand
    • Freedom Fighter
    • Sikh Guru
  • TourismExpand
    • Uttar Pradesh
    • Delhi
    • Uttarakhand
    • Gujarat
    • Himachal Pradesh
    • Kerala
    • Bihar
    • Madhya Pradesh
    • Maharashtra
    • Manipur
    • Kerala
    • Karnataka
    • Nagaland
    • Odisha
  • Contact Us
Donate
HinduEcho
Donate

Yogini Temple: माँ योगिनी मंदिर, गोड्डा (झारखंड)

ByHinduEcho Temple

मां योगिनी मंदिर झारखंड में गोड्डा जिले के पथरगामा प्रखंड में स्थित है। यह जिला मुख्यालय से मात्र 15 किलोमीटर दूर बारकोप में है। मां योगिनी का यह प्राचीन मंदिर तंत्र साधकों के बीच बेहद लोकप्रिय है।

योगिनी स्थल में गिरी थी सती की बांयी जांघ

धार्मिक शास्त्रों के अनुसार, पत्नी सती के अपमान से क्रोधित होकर भगवान शिव जब उनका जलता हुआ शरीर लेकर तांडव करने लगे थे तो संसार को विध्वंस से बचाने के लिए भगवान विष्णु ने माता सती के शव के कई टुकड़े कर दिए थे।

इसी क्रम में उनकी बायीं जांघ यहां गिरी थी। लेकिन इस सिद्धस्थल को गुप्त रखा गया था। विद्वानों का कहना है कि हमारे पुराणों में 51 सिद्ध पीठ का वर्णन है, लेकिन योगिनी पुराण ने सिद्ध पीठों की संख्या 52 बताई है। और पढ़ें: शक्तिपीठ का रहस्य

माँ योगिनी मंदिर की पैराणिक माम्यता

जंगलों के बीच स्थित यह मंदिर तंत्र साधना के मामले में कामख्या के समकक्ष है। दोनों मंदिरों में पूजा की प्रथा एक सामान है। दोनों मंदिरों में तीन दरवाजे हैं। योगिनी स्थान में पिण्ड की पूजा होती है। कामख्या में भी पिण्ड की ही पूजा होती है

यहां पांडवों ने अपने अज्ञात वर्ष के कई दिन बिताए थे। इसकी चर्चा महाभारत में भी है। तब यह मंदिर ‘गुप्त योगिनी’ के नाम से प्रसिद्ध था।

माँ योगिनी मंदिर (Ma Yogini Temple)

गर्भ गृह: गर्भगृह के अंदर जाने के लिए एक गुफा से होकर गुजरना पड़ता है।बाहर से गुफा के संकड़े द्वार और अंदर चारों तरफ नुकीली पत्थरों को देखकर लोग गुफा के अंदर जाने की हिम्मत नहीं जुटा पाते, लेकिन मां के आशीर्वाद से मोटे से मोटा व्यक्ति भी इसमें जाकर आसानी से निकल आता है।

वट वृक्ष: मंदिर के सामने एक बट वृक्ष है। प्रचलित मान्यताओं के अनुसार इस बट वृक्ष पर बैठकर साधक साधना किया करते थे और सिद्धि प्राप्त करते थे।

मनोकामना मंदिर: मां योगिनी मंदिर के ठीक दाहिनी ओर पहाड़ी पर मनोकामना मंदिर है। जो लोग मां योगिनी के दर्शन के लिए आते हैं, वे मनोकामना मंदिर जाना नहीं भूलते।

माँ योगिनी मंदिर कैसे पहुंचें (How to Reach Yogini Mandir)

हवा मार्ग: योगनी मंदिर से निकटतम हवाई अड्डा नेताजी सुभाष चंद्र बोस एयरपोर्ट, कोलकाता 370 और बिरसा मुंडा एयरपोर्ट, रांची 350 किलोमीटर की दुरी पर हैं।

रेल मार्ग: यह योगनी मंदिर से नज़दीकी रेलवे स्टेशन हसडीहा रेलवे स्टेशन 50 किलोमीटर दूर है।

सड़क मार्ग: यह जिला मुख्यालय गोड्डा से 15 किलोमीटर की दूरी पर जसीडीह-देवघर राज्य राजमार्ग पर स्थित है।

Post Tags: #Devi temple#Jharkhand#Jharkhand Temple#Shakti peeth#Yogini#Yogini Temple

Post navigation

Previous Previous
Haryana Tourism: हरियाणा के प्रमुख पर्यटन स्थल
NextContinue
Jharkhand Tourism: झारखण्ड के प्रमुख पर्यटन स्थल

All Rights Reserved © By HinduEcho.com

  • Home
  • Privacy Policy
  • Contact
Twitter Instagram Telegram YouTube
  • Home
  • Vrat Tyohar
  • Hinduism
    • Devi Devta
    • 10 Maha Vidhya
    • Hindu Manyata
    • Pauranik Katha
  • Temple
    • 12 Jyotirlinga
    • Shakti Peetha
  • Astrology
    • jyotish
    • Hast Rekha
    • Shakun Apshakun
    • Dream meaning (A To Z)
  • Biography
    • Freedom Fighter
    • 10 Sikh Guru
  • Travel
  • Astrology Services
  • Join Free Course
  • Donate
Search